सुभाष चन्द्र बोस का नारा | Subhash Chandra Bose Slogan in Hindi

सुभाष चन्द्र बोस जी के प्रशिद्ध नारे

भारीतय स्वंत्रता सेनानियो में अगर सबसे पहले किसी का नाम लिया जाता है तो वो है सुभाष चन्द्र बोस है | सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को वर्तमान कटक, ओडिशा में हुआ था | उनके पिता जी का नाम जानकीनाथ बोस और माँ का नाम प्रभावती था। भारत में उन्हें नेता जी के नाम से पुकारा जाता था | द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान कि मदद से उन्होंने आजाद हिन्द फोज की स्थापना भी उन्होंने की थी | 

ऐसा कहा जाता है कि  18 अगस्त 1945 को ताय्पे में उनकी बिमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी पर ये आज भी रहस्य है कि क्या ऐसा सच में हुआ था कि नहीं | 

सुभाष चन्द्र बोस के नारा क्या था – Slogan of Subhash Chandra Bose in Hindi

सुभाष चन्द्र बोस ने अपने जीबन में बहुत से नारे दिए है जिनमे से कुछ आज भारत के प्रशिद्ध नारों (Slagon) में से एक है | नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के कुछ प्रशिद्ध नारे निमंलिखित है |

  1. तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा
  2. जय हिंदी 
  3. आजादी दी नहीं जाती, ली जाती है।
  4. यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी आजादी की कीमत अपने खून से चुकाएं।
  5. दिल्ली चलो

यह नारा “तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा” सुभाष चन्द्र बोस के द्वारा दिए गए नरो में से एक है |

जय हिंदी  का नारा जो कि सुभाष चन्द्र बोस के द्वारा दिया गया नारा है जो कि आज भारत का नारा भी है यह नारा आज बच्चे बच्चे को पता है भले ही उसे यह पता हो या न कि कि यह नारा सुभाष चन्द्र बोस जी के द्वारा दिया गया नारा है |

दिल्ली चलो का नारा सुभाष चन्द्र बोस जी ने सिंगापूर में टाउन हाल के सामने आजाद हिन्द फोज के सुप्रीम कमाण्डर’ के रूप में सेना को सम्बोधित करते हुए “दिल्ली चलो!” का नारा दिया था |

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पर कुछ नारें

याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना
और गलत के साथ समझौता करना है.

युवाओं को अब होश में आना चाहिए,
अपने अंदर सुभाष चन्द्र बोस को जगाना चाहिए.

आजाद हिन्द फ़ौज” की याद है हमें कुर्बानी,
भले इतिहासकारों ने नही लिखी इसकी कहानी.

गर्व महसूस करता है भारत का हर रक्त,
पाकर सुभाष चन्द्र बोस जैसा देशभक्त.

अमर हो जाते है नेताजी जैसे वीर बलिदानी,
लिख देते है हर दिल पर अपनी अमर कहानी.

जहाँ नेताजी जन्म लिए वहाँ का माटी चंदन है,
सुभाष चन्द्र बोस के चरणों में शत-शत बंदन है.

नेताजी का त्याग बहुत ही बड़ा था,
जिस तरह उन्होंने अंग्रेजों से लड़ा था.

आशा है आपको सुभाष चन्द्र के द्वारा दिए गए नारों का पता चल गया होगा, तो ऐसे ही जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहे और अपने मित्रो को भी जरुर शेयर करे ताकि उन्हें भी ऐसी जानकारी मिलते रहे | धन्यवाद !

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