दोस्तों आज की इस ब्लॉग मे हम आपको बताएंगे कि भारत को खोजने का यात्रा केसा था? (Bharat Ki Khoj Kisne Ki) और उस समय के भारत के व्यापार के बारे में !
दोस्तों आपके मन में यह सवाल कभी ना कभी जरूर आया होगा की भारत की खोज से पहले क्या भारत इस धरती पर नहीं हुआ करता था या भारत की खोज की गई थी तो दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा की, भारत की खोज से पहले भारत था । परंतु भारत के लोग ही इस देश के बारे में जानते थे, इसके अलावा बाहर के लोगों को भारत के बारे मे कुछ भी नहीं पता था ।
भारत की खोज वह महत्वपूर्ण प्रक्रिया थी जिसने एक पूरे महासागर को पार करके नए भूगोल और सांस्कृतिक धरोहर का परिचय किया। यह कहानी एक अद्वितीय योद्धा, एक प्रेरणास्रोत, और एक आगे बढ़ने वाले खोजी की है, जिन्होंने नए जगहों के पीछे छुपे रहस्यों को हल करने के लिए अपने जीवन को समर्पित किया।
भारत की खोज किसने की थी? – Bharat Ki Khoj Kisne Ki Thi
भारत की खोज, वास्को डी गामा नाम के एक व्यक्ति ने की थी I वास्को डी गामा पोर्तुगीज समुद्री यात्री थे I वास्को दा गामा ने भारत की खोज 1498 में की थी और यह एक महत्वपूर्ण घटना थी जो भारत और पुर्तगाल के बीच संबंधों को स्थापित करने में मदद करी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारतीय सागर को पार करके केप ऑफ गुड होप तक पहुँचना था।
वास्को दा गामा ने अपनी पहली यात्रा (1497-1499) के दौरान केप ऑफ गुड होप को पार करके भारतीय महासागर के पश्चिमी किनारे पर पहुंचा और वहां पहले पुर्तगाली यात्री बन गया जो भारतीय उपमहाद्वीप के साथ सीधा संबंध स्थापित करने में सफल हुआ।
उनकी यह यात्रा भारतीय सागर में पश्चिमी दिशा में हुई और उन्होंने मोजांबिक, मालाबार, और कोझिकोड (कालीकट) जैसे स्थानों पर रुका। वह यहां स्थानीय राजा और व्यापारिक समुदायों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए कई प्रयास करे।
वास्को दा गामा की इस यात्रा ने पुर्तगाल को भारतीय व्यापार, सांस्कृतिक और धार्मिक दुनिया से जोड़ने में मदद की और यह एक महत्वपूर्ण पथ खोजने में सफलता प्राप्त करने का कारण बना।
भारत की खोज कई यात्राओं और अन्वेषणों के माध्यम से हुई है, और इसमें कई प्रमुख योगदानकर्ता शामिल हैं:
वास्को दा गामा (1498): पुर्तगाली यात्री और जलयात्री वास्को दा गामा ने 1498 में केप ऑफ गुड होप पहुंचकर भारत की खोज की। इससे पहले भी पुर्तगाली यात्री निको बरबोसा और वास्को दा गामा ने कई बार भारत की खोज की थी, लेकिन 1498 की यह यात्रा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
क्रिस्टोफर कोलंबस (1498-1502): यूरोपीय यात्री क्रिस्टोफर कोलंबस ने भी भारत की खोज करने का प्रयास किया, लेकिन वह यात्रा सफल नहीं हुई। उन्होंने दक्षिण पश्चिमी मार्ग का प्रयास किया था लेकिन अमेरिका का पहला यात्रा के रूप में खोजा गया।
निकोलस नाहोडा (1498-1501): पोर्तुगीज यात्री निकोलस नाहोडा ने भी वास्को दा गामा के साथ मिलकर भारत की खोज की और केरल के कोझिकोड (कालीकट) तक पहुंचे।
ये थे कुछ प्रमुख यात्राएं जो भारत की खोज में हुईं। इन योजनाओं ने भारतीय उपमहाद्वीप के साथ यूरोप के बीच संपर्क स्थापित किया और व्यापार, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विनिमय को बढ़ावा दिया।
भारत को खोजने का यात्रा कैसा था?
वास्को दा गामा ने 1497 में एक पहली यात्रा शुरू की और वह उत्तरी पश्चिमी मार्ग की ओर बढ़ा, जिसमें उन्होंने अफ्रीका के मोजांबिक, मालाबार, और कोझिकोड (कालीकट) तक कई स्थानों पहुंचे।
1498 में, वास्को दा गामा ने भारतीय सागर को पार करते हुए केप ऑफ गुड होप पहुंचा। उनका उद्देश्य यहां भारतीय उपमहाद्वीप के साथ संबंध स्थापित करना था। इससे पहले इस मार्ग का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली थी।
वास्को दा गामा ने भारतीय सागर के पश्चिमी तट पर भारतीय उपमहाद्वीप के साथ नए संबंध स्थापित किए, जिससे पुर्तगाल ने भारतीय व्यापार और धर्म से जुड़ने का मौका प्राप्त किया।
भारत का व्यापार-
दोस्तों आपको बताना चाहता हु की पहले भारत में मसाले काफी मात्रा में उगाये जाते थे । और यहां अनगिनत प्रकार के मसाले उत्पन्न होते हैं। ऐतिहासिक रूप से, मसाले भारतीय रसोईयों के अभिन्न हिस्से बनाने के लिए उपयोग होते आए हैं I
और इसका संबंध भारतीय भोजन सांस्कृतिक समृद्धि के साथ है। और इसके अलावा भारत में बहुमूल्य रत्न भी बड़ी मात्रा में उपलब्ध थे और इन वस्तुओं का विदेशों में व्यापार किया जाता था । भारत का सामान व्यापार के लिए यूरोप के बाजारों में ले जाया जाता था और दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों जैसे कि इंडोनेशिया, सुमात्रा, जावा, बोर्निओ, मलेशिया इन द्वीपों पर भी भारत का समान ले जाया जाता था ।
और देखा जाए तो भारत का व्यापार प्राचीन समय में यूरोप और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ हुआ करता था। इसी तरह से अरब व्यापारी भारत से सामान को खरीद कर दूसरे जगह या (यूरोप) पर काफी महंगे दामों में बेचता था I इससे उन लोगों को बड़ा मुनाफा मिल जाता था। इस वजह से, पूरे एशिया के व्यापार पर अरब का कंट्रोल और नियंत्रण चला रहा है I
भारत की खोज किसने की थी: FAQ’s
भारत के समुद्री मार्ग की खोज वास्को डी गामा नाम के एक नाविक ने की थी।
वास्को डी गामा 7 जुलाई 1497 को भारत के लिए समुद्री मार्ग की खोज के उद्देश्य से रवाना हुए थे और जात्रा के दो साल बाद अपने 4 नाविकों के साथ 20 मई 1498 को कोझीकोड केरल राज्य के कालीकट पहुंचा।
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