हैलो दोस्तों, आज आप सभी का इस ब्लॉग में स्वागत है, आजकि इस ब्लॉग मे हम आपको बतायेगे कि भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति कौन थे? Bharat Ke Pratham Uprashtrapati Kaun The भारतीय राजनीति और सामाजिक संरचना के इतिहास में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का नाम एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी महत्वपूर्ण योगदानों के लिए सम्मान प्राप्त किया है, और उनकी उपाधियों में से एक थी “प्रथम उपराष्ट्रपति” की। इस ब्लॉग में, हम उनके जीवन और करियर का एक विस्तृत परिचय प्रदान करेंगे, और उन्हें भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति बनने की यात्रा पर ले जाएंगे।
भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति कौन थे? – Bharat Ke Pratham Uprashtrapati Kaun The
भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन। उन्हें 1952 से 1962 तक इस पद पर रहने का अवसर मिला था। इससे पहले, वे भारतीय गणराज्य के पहले राष्ट्रपति भी रहे थे, जो 1950 से 1962 तक पद कर रहे थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनके विद्वत्ता और साहित्य के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए याद किया जाता है।
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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म और शिक्षा:
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था जो आंध्र प्रदेश के थल्लारी गाँव में हुआ था। उनके पिताजी का नाम सर्वपल्ली वीरासमियाह और माताजी का नाम ‘सीताम्मा’ था। वे एक बहुतलवादी और शिक्षित परिवार से थे, और उनके माता-पिता ने उनकी शिक्षा में बड़ी रूप से सहायता की।
राधाकृष्णन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तिरुतानी और विशाखापत्तनम में पूरी की, और फिर उन्होंने उंगरी में स्थित मैसूर विश्वविद्यालय से विशेषज्ञता प्राप्त की। उनकी उच्चतम शिक्षा में वेदांत, सांस्कृतिक साहित्य, और भाषाशास्त्र पर ध्यान केंद्रित था। इसके बाद, उन्होंने ब्रिटिश साहित्य में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद ही उनका अध्यापन और लेखन क्षेत्र में करियर शुरू हुआ।
शिक्षाकर्मी और दार्शनिक:
राधाकृष्णन को शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय योगदान के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने शिक्षाकार्य के दौरान वेदांत, विचारशीलता, और भारतीय सांस्कृतिक विरासत को प्रमोट करने के लिए प्रयास किया। उन्होंने कई विशेषज्ञता परिसभाएं और उपाधियाँ प्राप्त की और भारतीय साहित्य और दर्शन में अपनी ऊँची अधिगम की महत्वपूर्ण दिशा में अपने योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
उन्होंने अपने दार्शनिक दृष्टिकोण के माध्यम से भारतीय समाज और सांस्कृतिक विरासत को एक नए प्रकार से समझने का प्रयास किया। उनका दृष्टिकोण विदेशी तत्त्वों को भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के साथ मेल-जोल कराने का प्रयास करता था। उन्होंने अपने दर्शनिक विचारों के माध्यम से विश्व को भारतीय सोच और तत्त्वों के प्रति उनके समर्पण को साझा किया।
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राष्ट्रवादी और राजनेता:
राधाकृष्णन को सिर्फ एक शिक्षाकर्मी नहीं, बल्कि एक उदारवादी और समर्थ राजनेता के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय राष्ट्रवाद की रक्षा की। उन्होंने भारतीय समाज को जागरूक करने के लिए अपनी भाषाओं में विशेषज्ञ लेखन किया और उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता और विचारशीलता से राष्ट्र को मार्गदर्शन किया।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति बनना:
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर उनके उदार दृष्टिकोण के बहुतायत्रा के बावजूद भी एक नये मोड़ पर बढ़ता है जब उन्हें भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति बनाया गया।
1952 में भारतीय गणराज्य के पहले उपराष्ट्रपति के रूप में उनका नामांकन किया गया। उन्होंने इस पद के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ प्रतिस्पर्धा की। उनकी विशेषता और विचारशीलता ने उन्हें इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बना दिया।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल:
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 1952 से 1962 तक भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। उनका कार्यक्षेत्र विशेष रूप से शिक्षा, सांस्कृतिक विरासत, और दर्शनिक चिंतन के क्षेत्रों में था।
राधाकृष्णन ने अपने उपराष्ट्रपति के कार्यकाल में शिक्षा क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।
राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल में भारतीय सांस्कृतिक सरंचना की रक्षा करने का कार्य किया। उन्होंने भारतीय दर्शन, साहित्य, और कला के महत्व को बढ़ावा देने के लिए अपनी सख्ती दिखाई और उन्हें इस क्षेत्र में मान्यता मिली।
राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति के बाद 1962 में भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया। उनका यह कार्यकाल भी बहुते उपलब्धि भरा रहा, और उन्होंने देश को गुणवत्ता, समर्थन, और समर्थन का सामर्थ्य प्रदान किया।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनके विशेष योगदान के लिए कई गौरव, सम्मान, और पुरस्कार से नवाजा गया। उन्हें 1954 में भारत सरकार द्वारा “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया, जो उस समय की सबसे ऊची राष्ट्रीय पुरस्कार था।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन के दौरान शिक्षा, सांस्कृतिक सरंचना, और राष्ट्रीय सेवा में अपना समर्पण दिखाया। उनका योगदान भारतीय राजनीति और समाज में एक अद्वितीय स्थान बना रखा है और उन्हें राष्ट्रपति के पद की ऊँचाई की ओर एक महान योगदानकर्ता के रूप में स्मृति में रखा जाता है।
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1952 से वर्तमान तक – भारत के उपराष्ट्रपति की लिस्ट:-
1950 से 2022 तक भारत के उपराष्ट्रपतियों की सूची नीचे दी गई है:
संख्या | भारत के उप राष्ट्रपति | कार्यालय की अवधि |
1 | सर्वपल्ली राधाकृष्णन (भारत के पहले उपराष्ट्रपति) | 1952 – 19571957 – 1962 |
2 | जाकिर हुसैन | 1962 – 1967 |
3 | वी. वी. गिरी | 1967 – 1969 |
4 | गोपाल स्वरूप पाठक | 1969 – 1974 |
5 | बी डी जट्टी | 1974 – 1979 |
6 | मोहम्मद हिदायतुल्ला | 1979 – 1984 |
7 | आर वेंकटरमन | 1984 – 1987 |
8 | शंकर दयाल शर्मा | 1987 – 1992 |
9 | के.आर. नारायणन | 1992 – 1997 |
10 | कृष्ण कांत | 1997 – 2002 |
11 | भैरों सिंह शेखावत | 2002 – 2007 |
12 | मोहम्मद हामिद अंसारी | 2007 – 20122012 – 2017 |
13 | वेंकैया नायडू | 2017 – 2022 |
14 | जगदीप धनखड़ी | 2022 – अवलंबी (Incumbent) |
भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति कौन थे? – FAQ’s
भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन। उन्हें 1952 से 1962 तक इस पद पर रहने का अवसर मिला था।
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था
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