नमस्कार दोस्तो स्वागत है, आपका एक और रोचक ब्लॉग में जिसमे हम पढ़ेंगे दुनिया का सबसे छोटा देश कौन सा है? (Duniya Ka Sabse Chhota Desh) के बारे में । भारत, एक अद्वितीय समृद्धि और विविधता का देश, अपनी प्राकृतिक सौंदर्यों के लिए प्रसिद्ध है। यहां कई उच्च जलप्रपात (Waterfall) हैं, जलप्रपातों की ऊँचाई अलग-अलग हो सकते है, कुछ छोटे होते हैं तो कुछ मीटरों तक हो सकते हैं, जबकि कुछ बड़े जलप्रपात हजारों फीट तक ऊँचा हो सकते हैं। जलप्रपात की ऊँचाई उसकी प्राकृतिक गुणवत्ता और स्थानांतरण की वजह से भी निर्धारित होते है। दोस्तों जब किसी नदी या फिर पर्वत से एक बहुत बड़ा ढलान बन जाता है, ये जब उस बड़े ढलान से पानी निचे गिरता है तो उसे जलप्रपात कहा जाता है, जोकि 50 फ़ीट से लेकर कई हजारों फ़ीट जितना ऊँचा हो सकता है, तो इस ब्लॉग में आप जानोगे की भारत का सबसे ऊँचा जलप्रपात कौनसा है? (Bharat Ka Sabse Uncha Jalprapat) और भारत के 10 सबसे ऊँचे जलप्रपात के बारे में जानेंगे I
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भारत के 10 सबसे ऊंचे जलप्रपात (Bharat Ke 10 Sabse Unche Jalprapat)
संख्या | जलप्रपात के नाम | ऊंचाई मीटर/फीट | स्थान |
1. | कुंचिकल फॉल्स | 455 मीटर (1,493 फीट) | शिमोगा जिला, कर्नाटक |
2. | बरेहीपानी फॉल्स | 399 मीटर (1,309 फीट) | मयूरभंज जिला, उड़ीसा |
3. | नोहकलिकाई फॉल्स | 340 मीटर (1115 फीट) | पूर्वी खासी हिल्स जिला, मेघालय |
4. | नोहशंगथियांग फॉल्स | 315 मीटर (1,033 फीट) | पूर्वी खासी हिल्स जिला, मेघालय |
5. | दुधसागर फॉल्स | 310 मीटर (1017 फीट) | कर्नाटक और गोवा |
6. | क्य्न्रेम फॉल्स | 305 मीटर (1,001 फीट) | पूर्वी खासी हिल्स जिला, मेघालय |
7. | कल्लार मीन्मुत्टी वाटरफॉल्स | 300 मीटर (984 फीट) | वायनाड जिला, केरल |
8. | थालैयर वाटरफॉल्स | 297 मीटर (974 फीट) | बटलगुंडु, डिंडीगुल जिला, तमिलनाडु |
9. | वज्रई वाटरफॉल्स | 260 मीटर (853 फीट) | सतारा जिला, महाराष्ट्र |
10. | जोग वाटरफॉल्स | 253 मीटर (830 फ़ीट) | शिवमोग्गा जिले,कर्नाटक |
भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात (Bharat Ka Sabse Uncha Jalprapat)
1. कुंचिकल फॉल्स (455 मीटर, 1493 फीट)
कुंचिकल फॉल्स (Kunchikal), जिन्हें आमतौर पर ‘कुंचिकल जलप्रपात’ भी कहा जाता है, भारत के सबसे ऊँचे जलप्रपातों में से एक हैं। ये फॉल्स वराही नदी पर स्थित हैं और इनकी ऊचाई लगभग 455 मीटर (1493 फीट) है। इन्हें अद्वितीय बनाने वाली बात यह है कि इसका निर्माण संगीतमहार्षि म्यूजिक कंपोजिशन के साथ किया गया है, जिसने इसे सुन्दरता और माहौल में अद्वितीय बनाया है।
कुंचिकल फॉल्स ने अपने स्थानीय समृद्धि और सांस्कृतिक पहचान के लिए भी एक महत्त्वपूर्ण रूप से योगदान किया है। यहां के लोग अपनी स्थानीय कला, विरासत, और रिवाजों को बनाए रखने में जुटे हैं और पर्यटकों को इससे मिलने वाली विशेषता को समझाते हैं। स्थानीय बाजारों, लोकनृत्य, और पर्यावरण के साथ मिलकर यहां का एक संपूर्ण अनुभव और भी समृद्धि देता है।
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2. बरेहीपानी फॉल्स (399 मीटर, 1309 फीट)
बरेहिपानी फॉल्स, उड़ीसा के मयूरभंज जिले में स्थित हैं, जो एक प्राकृतिक सौंदर्य स्थल के रूप में प्रमुख हैं। इनकी ऊचाई को 399 मीटर (1,309 फीट) के करीब बताया जाता है, जो इन्हें ओडिशा के उच्चतम जलप्रपातों में शामिल करता है। यहां की प्राकृतिक सौंदर्य और शांति से भरी आत्मा को छूने का अद्वितीय अनुभव है। बरेहिपानी फॉल्स दरअसल अपने अद्वितीय ऊचाई और आत्मा को छूने वाले दृश्यों के लिए प्रसिद्ध हैं, जो यहां के पर्यटकों को अपनी महोब्बत में खींच लेते हैं।
3. नोहकलिकाई फॉल्स (340 मीटर, 1115 फीट)
नोहकलिकाई फॉल्स, मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित हैं और ये भारत के सबसे ऊचे जलप्रपातों में से एक हैं। इनकी अद्वितीयता इसमें है कि ये फॉल्स बारिशी ऋतु में अपना सबसे बड़ा आकर्षक रूप बनाते हैं। फॉल्स की ऊचाई 340 मीटर (1115 फीट) है, जिससे यह भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे ऊचा जलप्रपात है। इसका नाम “नोहकलिकाई” की उम्मीद कराता है, जिसका अर्थ होता है “जिन्होंने ब्राइड का असुहागी बनाया”। यह स्थान सूचना, प्राकृतिक सौंदर्य, और स्थलीय कल्चर का एक अद्वितीय संगम है।
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4. नोहशंगथियांग फॉल्स (315 मीटर, 1033 फीट)
नोहशंगथियांग फॉल्स, मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित हैं और ये एक अन्य प्रमुख प्राकृतिक स्वरूप हैं जो इस राज्य को अद्वितीय बनाते हैं। इन फॉल्स की ऊचाई 315 मीटर (1033 फीट) है, जो इसे इस क्षेत्र के प्रमुख जलप्रपातों में से एक बनाता है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और शांति भरी पर्यावरण यात्रा को अद्वितीय बनाते हैं। नोहशंगथियांग फॉल्स भारत की प्राकृतिक सुंदरता का एक अनमोल रत्न है और यह स्थान पर्यटन के शौकीनों के लिए आत्मा को छूने का अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
5. दुधसागर फॉल्स (310 मीटर, 1017 फीट)
दुधसागर फॉल्स, भारत के कर्नाटक और गोवा राज्यों की सीमा पर स्थित हैं और ये प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्वितीय दृश्य प्रदान करते हैं। इन फॉल्स की ऊचाई 310 मीटर (1017 फीट) है, जो इसे एक शानदार जलप्रपात बनाती है। फॉल्स का नाम “दुधसागर” इसके आबादी और घनत्व की बहुत भरे पानी के लिए है, जो गिरने वाले पानी की धाराओं को दूध की तरह दिखाई देता है। यहां पर्यटकों को एक शांत और प्राकृतिक माहौल में भटकने का अद्वितीय अनुभव होता है।
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6. क्य्न्रेम फॉल्स (305 मीटर, 1001 फीट)
क्य्न्रेम फॉल्स, मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित हैं, जो इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को चिरपिंग भरते हैं। इन फॉल्स की ऊचाई 305 मीटर (1001 फीट) है, जो इसे एक प्रमुख जलप्रपात बनाता है। फॉल्स का नाम “क्य्न्रेम” भाषा में “बिल्कुल युग्म” को दर्शाता है, जिससे यह दिखता है कि यह फॉल्स एक अद्वितीय और एकाधिक धारा में गिरता है। यहां पहुंचना एक शांत और प्राकृतिक स्थल है, जो यात्रीगण को आत्मा को छूने का अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
7. कल्लार मीन्मुत्टी वाटरफॉल्स (300 मीटर, 984 फीट)
कल्लार मीन्मुट्टी वाटरफॉल्स, केरल के वायनाड जिले में स्थित हैं और ये एक प्रमुख प्राकृतिक आकर्षण हैं। इन फॉल्स की ऊचाई 300 मीटर (984 फीट) है, जो इसे वायनाड के सुंदर जलप्रपातों में से एक बनाती है। फॉल्स का नाम “कल्लार मीन्मुट्टी” स्थानीय भाषा में “एक मीना की तरह ऊँचा” का अर्थ है, जो इसकी विशेषता को दर्शाता है। यहां के सुंदर प्राकृतिक स्थल और शांति भरा वातावरण यात्रीगण को आत्मा को छूने का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं।
8. थालैयर वाटरफॉल्स (297 मीटर, 974 फीट)
थालैयर वाटरफॉल्स, तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के बटलगुंडु में स्थित हैं। इन वाटरफॉल्स की ऊचाई 297 मीटर (974 फीट) है, जो इसे राज्य के प्रमुख जलप्रपातों में से एक बनाती है। थालैयर वाटरफॉल्स का नाम स्थानीय शब्द “Thalaiyar” से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “ऊँचा स्थान”। यहां के आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य और शांति यात्रीगण को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
9. वज्रई वाटरफॉल्स (260 मीटर, 853 फीट)
वज्रई वाटरफॉल्स, महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित हैं और इसकी ऊचाई 260 मीटर (853 फीट) है। यह जलप्रपात सातारा जिले के प्रमुख प्राकृतिक स्थलों में से एक है, जो प्राकृतिक सौंदर्य, शांति, और प्राकृतिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहां की चट्टानों से गिरता पानी, वन्यजीव, और हरियाली इस स्थल को अद्वितीय बनाते हैं। वज्रई वाटरफॉल्स सातारा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां पहुंचना प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
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10. जोग वाटरफॉल्स (253 मीटर, 830 फ़ीट)
जोग वाटरफॉल्स, शिवमोग्गा जिले, कर्नाटक, भारत के प्रमुख जलप्रपातों में से एक हैं। इन फॉल्स की ऊचाई 253 मीटर (830 फीट) है, जो इसे कर्नाटक के सबसे ऊचे जलप्रपातों में से एक बनाती है। जोग वाटरफॉल्स का दृश्य सुन्दर प्राकृतिक वातावरण और घने वन्यजीवों के साथ एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। यहां के पास एक पुल है जिससे आप फॉल्स का शानदार दृश्य देख सकते हैं, और यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य के शौकीनों के लिए एक आकर्षक स्थल है।
निष्कर्ष
इस ब्लॉग में हमने बताया कि भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात कौन सा है? (Bharat Ka Sabse Uncha Jalprapat) के बारे मे विस्तार से जानकारी देने की कोशिश की है उम्मीद है, भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात के बारे में आपको समझ आया होगा। उम्मीद करते है यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा और भी मजेदार जानकारी के लिए Gk Study Point से जुड़े रहे।
भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात कौन सा है? FAQ’s
कुंचिकल जलप्रपात भारत का सबसे ऊंचा झरना है। यह कर्नाटक के शिमोगा जिले में वराही नदी द्वारा बनाया गया है। यह लगभग (455 मीटर, 1493 फीट ऊंचाई पर है। यह भारत का सबसे ऊँचा झरना है।
कुचिकल जलप्रपात के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊंचा झरना है। बरेहीपानी जलप्रपात की कुल ऊंचाई 399 मीटर (1309 फीट) है। यह ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित है।
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