नमस्कार दोस्तो, आज आप सभी का इस ब्लॉग में स्वागत है, आजकि इस ब्लॉग मे हम आपको बतायेगे कि स्वतंत्रता सेनानियों के नारे (Slogans of Freedom Fighters) किसने बोला और कौन सा नारा था I दोस्तों भारत ने काफी सालों की गुलामी करने के बाद और काफी अत्याचार सहने के बाद हमारे देश को भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों, वीर सपूतों और देश प्रेमियों द्धारा आजादी दिलवाई । भारत देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने के लिए हमारे देश के कई स्वतंत्रता सेनानी न सिर्फ अपने पूरे जीवन भर संघर्ष करते रहे, बल्कि कई क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों ने हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहूति भी दे दी।
और वही आज हम लोग अपने देश के वीर सपूतों और महान क्रांतिकारियों के त्याग, बलिदान और आत्मसमर्पण की वजह से ही आजाद अपने भारत देश में चैन की सांस ले पा रहे हैं। स्वतंत्रता सेनानियों की शौर्यगाथाएं देशवासियों को इस बात का समर्पण करती हैं कि आज़ादी का मोल क्या होता है। इन महान व्यक्तियों की कहानियाँ हमें यह सिखाती हैं कि अगर हम अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित हैं तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास उन नामों से भरा हुआ है जो अपने जीवन को देश की सेवा में समर्पित करने का निर्णय लेते हैं। भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरु, रानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद, महात्मा गांधी और राजगुरु यादव आदि I इन सभी महान व्यक्तियों ने अपनी जानें देश के लिए कुर्बान कर दीं। और आज हम आपको अपने इस ब्लॉग में महान क्रातिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के कुछ ऐसे स्लोगन उपलब्ध करवा रहे हैं।
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स्वतंत्रता सेनानियों के नारे – Slogans of Freedom Fighters
स्वतंत्रता सेनानियों के महत्वपूर्ण नारों की सूची नीचे दी गई है:
संख्या | महत्वपूर्ण नारा | सेनानी का नाम |
1. | करो या मरो | महात्मा गांधी |
2. | इंकलाब जिंदाबाद | शहीद भगत सिंह |
3. | जय हिंद | नेताजी सुभाष चंद्र बोस |
4. | तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा | नेताजी सुभाष चंद्र बोस |
5. | सत्यमेव जयते | पंडित मदन मोहन मालवीय |
6. | सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है | रामप्रसाद बिस्मिल |
7. | सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा | मुहम्मद इकबाल |
8. | आराम हराम है | जवाहरलाल नेहरू |
9. | जय जवान जय किसान | लाल बहादुर शास्त्री |
10. | साइमन गो बैक | लाला लाजपत राय |
11. | स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा | बाल गंगाधर तिलक |
12. | वन्दे मातरम | बंकिम चंद्र चटर्जी |
13. | दिल्ली चलो | नेताजी सुभाष चंद्र बोस |
स्वतंत्रता सेनानियों से मिले कुछ यादगार नारे:
1. करो या मरो (महात्मा गांधी)
“महात्मा गांधी करो या मरो” यह नारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय में एक बड़ा प्रेरणास्त्रोत था। यह नारा बापू के नेतृत्व में लाखों लोगों को एकजुट करता था, उन्हें स्वतंत्रता के लिए बलिदान करने के लिए प्रेरित करता था। गांधी जी ने इस नारे के माध्यम से लोगों को आत्मनिर्भर बनने की, अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की, और अहिंसा के सिद्धांतों पर अमल करने की प्रेरणा दी। यह नारा भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और आज भी स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं की उदाहरणीय भावना को दर्शाता है।
2. इंकलाब जिंदाबाद (शहीद भगत सिंह)
“इंकलाब जिंदाबाद” एक प्रसिद्ध और प्रेरणादायक नारा है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के हीरो शहीद भगत सिंह के संबंध में है। यह नारा भगत सिंह द्वारा अपने अद्वितीय योगदान के लिए उन्होंने बताया था। शहीद भगत सिंह ने इस नारे के माध्यम से जनता को स्वतंत्रता के लिए जागरूक किया और उन्होंने अपने आत्मबलिदान की शपथ ली। “इंकलाब जिंदाबाद” का अर्थ है ‘क्रांति ज़िंदाबाद’ या ‘रेवोल्यूशन फ़ॉरवर्ड’। यह नारा आज भी स्वतंत्रता सेनानियों के उत्साह को बढ़ाता है और उनकी श्रद्धांजलि में प्रयुक्त होता है।
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3. जय हिंद (नेताजी सुभाष चंद्र बोस)
“जय हिंद” एक प्रसिद्ध नारा है जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और नेता सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिन्द फौज के रूप में प्रस्तुत किया गया था। यह नारा उनकी दृढ़ आजादी के लिए संघर्ष की भावना को सार्थकता देने में मदद करता है। “जय हिंद” का अर्थ है ‘हे हिंद की जीत’ या ‘हे हिंद का गौरव’। यह नारा स्वतंत्रता सेनानियों और देशभक्ति में जुटे लोगों के बीच एक एकता और उत्साह की भावना को प्रतिस्थापित करता है। “जय हिंद” आज भी भारतीय जनता के बीच गर्व और राष्ट्रभक्ति की भावना को जगाता है।
4. तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा (नेताजी सुभाष चंद्र बोस)
“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” यह बड़ा प्रेरणादायक नारा है जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के द्वारा प्रस्तुत किया गया था। नेताजी का यह उक्ति स्वतंत्रता के लिए उनके अपने अद्वितीय संघर्ष को दर्शाता है और उनकी समर्थन भरी भाषा से यह साबित करता है कि वह अपने लोगों के लिए किस हद तक जा सकते हैं। इस उक्ति में एक उत्कृष्ट और निष्ठापूर्ण साहस का संदेश है जो आज भी सभी भारतीयों के दिलों में बसा हुआ है।
5. सत्यमेव जयते (पंडित मदन मोहन मालवीय)
“सत्यमेव जयते” एक प्रसिद्ध श्लोक है जिसका आदिकाल संस्कृत में उद्धारण मिलता है और जिसे पंडित मदन मोहन मालवीय ने भारतीय राष्ट्र के सिद्धांत के रूप में अपनाया। “सत्यमेव जयते” का अर्थ होता है ‘सत्य ही जीतता है’। यह वाक्य भारतीय राष्ट्रीय तिरंगे के तीर के मध्य में लिखा गया है और यह देश के सत्य, न्याय, और नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। “सत्यमेव जयते” आज भी भारतीय समाज में नैतिकता और यथार्थ के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
6. सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है (रामप्रसाद बिस्मिल)
“सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है” यह दोहा भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और कवि रामप्रसाद बिस्मिल के द्वारा रचित हुआ है। यह शेर स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनकी उत्साही भावना और राष्ट्रप्रेम को दर्शाता है। इसमें एक उच्च उत्साह और आत्मसमर्पण की भावना है, जिससे साफ होता है कि स्वतंत्रता के लिए उनका समर्थन निरंतर रहेगा और वह इस कारगर संघर्ष में अपनी जान भी न्यौछावर करने को तैयार हैं। यह दोहा भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण रोमांटिक और प्रेरणादायक शेर के रूप में याद किया जाता है।
7. सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा (मुहम्मद इकबाल)
“सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा” यह शेर उर्दू के मशहूर शायर मुहम्मद इकबाल के द्वारा रचित हुआ है और यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय में लोकप्रिय हुआ था। इस शेर में हिंदुस्तान के इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर, और विभिन्न धर्मों की एकता की बात की गई है। इकबाल ने इस शेर के माध्यम से भारतीय जनता को एक नए और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रेरित किया। “सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा” आज भी भारतीय राष्ट्रभक्ति के साथ जुड़ा हुआ है और इसे राष्ट्रगान के रूप में भी जाना जाता है।
8. आराम हराम है (जवाहरलाल नेहरू)
“आराम हराम है” एक प्रसिद्ध बोल है जो भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राजनीतिक नेता जवाहरलाल नेहरू के लिए सामाजिक-आर्थिक समस्याओं और उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह बोल उनके समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण का परिचायक है, जिनमें उन्होंने आर्थिक और सामाजिक असमानता के खिलाफ खड़ा होने की आवश्यकता को बताया। नेहरू ने अपनी शिकायतें यहां बयान की थीं कि कुछ लोग आराम से जीते हैं जबकि बहुत लोगों को सजगता और कड़ी मेहनत के बावजूद अभी तक आराम नहीं मिला। यह बोल उनके आर्थिक और सामाजिक नीतियों के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाता है।
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9. जय जवान जय किसान (लाल बहादुर शास्त्री)
“जय जवान जय किसान” एक प्रसिद्ध नारा है जो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा प्रस्तुत किया गया था। यह नारा उनकी नीति को दर्शाता है जिसमें सेना और किसानों को समर्पित एक समृद्धि भरी राष्ट्रनीति की आवश्यकता है। इस नारे में “जवान” और “किसान” दोनों को समर्पित करने का संकेत है, जो देश की सुरक्षा और कृषि से संबंधित हैं। यह एक ऐसा नारा है जो राष्ट्रीय एकता, समृद्धि, और समर्पण की भावना को बढ़ावा देता है और उस समय की भावना को दर्शाता है जब भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में उभरते राष्ट्रों के साथ मुकाबला किया था।
10. साइमन गो बैक (लाला लाजपत राय)
“साइमन गो बैक” (Simon Go Back) नारा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय उत्कृष्ट हुआ था और इसका संबंध भारतीय राष्ट्रवादी और स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय से है। इस नारे का प्रयोग ब्रिटिश उपनिवेशी सचिव साइमन कॉमिशन के खिलाफ हुआ था, जिसे भारत आया था और जिसका उद्देश्य भारतीय राजा-महाराजाओं और नागरिकों के साथ बातचीत करके भारतीय समाज की राय जानना था। लाला लाजपत राय ने इस नारे के माध्यम से ब्रिटिश के खिलाफ जनमत से अभिवादन किया और यह नारा स्वतंत्रता संग्राम के एक नए दौर की शुरुआत का प्रतीक बन गया।
11. स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा (बाल गंगाधर तिलक)
“स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा” यह दोहा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता और केंद्रीय नेतृत्व के एक स्वतंत्रता सेनानी, बाल गंगाधर तिलक द्वारा कहा गया था। इस वक्त भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था और स्वतंत्रता की मांग कर रहा था। तिलक जी ने इस दोहे के माध्यम से अपने स्वतंत्रता के अभियान को और भी मजबूत करते हुए अपना निर्णय और संकल्प प्रकट किया। इस बोल में एक स्वतंत्र भारत की प्राप्ति के लिए उनका समर्थन और दृढ़ संकल्प है।
12. वन्दे मातरम (बंकिम चंद्र चटर्जी)
“वन्दे मातरम” एक प्रसिद्ध संस्कृत श्लोक है जो बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित हुआ था। इसे वह भारतीय राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया है और यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय को प्रेरित करने वाला एक प्रमुख स्रोत बन गया है।
“वन्दे मातरम” का अर्थ है ‘सलाम है तुझे, ओ मातृभूमि’ या ‘तुझे प्रणाम है, हे मातृभूमि’। यह श्लोक भारतीय मातृभूमि के प्रति श्रद्धाभावना और समर्पण की भावना को व्यक्त करता है और उसमें एक गहरा राष्ट्रभक्ति की भावना है। “वन्दे मातरम” भारतीय राष्ट्रीय आंदोलनों और स्वतंत्रता संग्राम के समय बहुत उदाहरणीय रूप से प्रयुक्त हुआ है और आज भी भारतीयों के बीच एक गौरवशाली नारा बना हुआ है।
13. दिल्ली चलो (नेताजी सुभाष चंद्र बोस)
“दिल्ली चलो” नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रसिद्ध नारे में से एक है, जिसने उनके नेतृत्व में आजाद हिन्द फौज के सैनिकों को प्रेरित किया। यह नारा उनकी भाषणों और रैलियों के दौरान प्रयुक्त हुआ था और इसने सैनिकों को उनके लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उत्साहित किया।
“दिल्ली चलो” का अर्थ है ‘चलो, हम दिल्ली की ओर बढ़ते हैं’ और इसने आजाद हिन्द फौज को एक सामूहिक और उत्साही उत्तरदाता के रूप में सजग किया। यह नारा उनकी नेतृत्व शैली को दर्शाता है और आजाद हिन्द फौज के सैनिकों को उनके लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पूरी तरह से समर्पित किया।
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निष्कर्ष
इस ब्लॉग में हमने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों के नारे के बारे मे विस्तार से जानकारी देने की कोशिश की है उम्मीद है, स्वतंत्रता सेनानियों के नारे के बारे में आपको समझ आया होगा। उम्मीद करते है यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा और भी मजेदार जानकारी के लिए Gk Study Point से जुड़े रहे।
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